"ऐतबार कर लिया मैंने "-ललित उपमन्यु

   "चल तेरे कहे पर ऐतबार कर लिया मैंने

पत्थर था वॊ परवरदीगार कर लिया मेंने

कौन करेगा मेरी मुरादों की हिफाज़त यहां

लूटने वालों को ही पहरेदार कर लिया मेंने

खाली हाथ न लौट जाऊँ कहीं चौखट से तेरी

सजदे में ही खुद को ख़बरदार कर लिया मेंने*"